गाँठ गोभी की खेती

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गाँठ गोभी की खेती

सब्जी / शाक विज्ञान

भारत में नोल खोल (Brassica oleracea var gongylodes) को ‘गाँठ गोभी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह पत्ता गोभी और फूलगोभी के बाद ब्रिसैकेसी परिवार की तीसरी महत्वपूर्ण cole फसल है जिसे उचित वृद्धि के लिए एक ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है। भारत में, यह कश्मीर, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में लोकप्रिय है। इस अध्याय में, आप इसकी खेती के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।

गाँठ गोभी
गाँठ गोभी

अन्य नाम:- नॉल खोल (Knol Khol), कोहलरबी (Kohlrabi)

वानस्पतिक नाम:- Brassica oleracea var gongylodes (syn. Brassica caulorapa)

कुल :- Crucifereae / Brassicaceae

गुणसूत्र संख्या :- 2n=18

उत्पति :- भूमध्यसागर क्षेत्र (Mediterranean region)

खाने वाला भाग:- नॉब (Knob)

फल प्रकार:- Siliqua (एक bicarpillary फली)

महत्वपूर्ण बिंदु

  • Kohlrabi, गाँठ गोभी का जर्मन नाम है जिसका अर्थ ‘गोभी शलजम’ (Cabbage Turnip) होता है।
  • गाँठ गोभी एक विशिष्ट द्विवार्षिक फसल है।
  • भारत में यह कश्मीर, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में लोकप्रिय है।
  • इसमें 92.70 ग्राम नमी, 10 ग्राम प्रोटीन, 3.8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1.50 ग्राम फाइबर, 36.00IU विटामिन A और 53.00mg विटामिन C प्रति 100 ग्राम खाद्य भाग होता है।

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गाँठ गोभी
गाँठ गोभी

 

किस्में

नोल खोल में लगभग सभी introduced किस्में हैं

  • किंग ऑफ नॉर्थ
  • पर्पल वियना: – लेट किस्म
  • व्हाइट वियना: – अगेती किस्म
  • सटन अर्लीएस्ट पर्पल
  • पर्पल स्पेक – अगेती किस्म
  • गोलिथव्हाइट (सदाशिव)
  • लार्ज ग्रीन

जलवायु

कम तापमान पर गाँठ गोभी में विशेष रूप से अगेती किस्मों में शीतोष्ण देशों में bolting एक बड़ी समस्याएं हैं, लेकिन यह भारतीय परिस्थितियों में नहीं है। कंद गठन के लिए उपयुक्त तापमान 100-200C है। दूसरों की तुलना में ठंढ से अधिक सहिष्णु है। उत्तर भारत में इसकी खेती सर्दियों की फसल (रबी फसल) के रूप में की जाती है।

मिट्टी

गाँठ गोभी सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जाती है लेकिन इसकी अच्छी पैदावार के लिए भारी दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है। मिट्टी का औसत पीएच 6.5-7.0 होनी चाहिए। गाँठ गोभी अत्यधिक अम्लीय और क्षारीय मिट्टी के प्रति संवेदनशील है।

बुआई का समय

किस्में

बीज बोने का समय

रोपण

अगेती

अगस्त

सितंबर

मुख्य

सितंबर

अक्टूबर

पछेती

अक्टूबर

नवंबर

बीज दर और बीज उपचार

मौसम के अनुसार एक हेक्टेयर भूमि के लिए लगभग 1-1.5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

नर्सरी बेड में फसल को डम्पिंग ऑफ से बचाने के लिए बुआई से पहले बीजों को थायरम या कैप्टान @ 2-3 ग्राम / किग्रा बीज के साथ उपचारित किया जाना चाहिए।

बुआई

बीज को 1.2 मीटर चौड़ी और 7.5 मीटर लंबी और 10 cm उठी हुई नर्सरी बेड में बोया जाता है। आमतौर पर, बीजों को नर्सरी बेड पर छिड़क कर बोया जाता है। फिर बीज को ढंकने के लिए क्यारी पर FYM या काम्पोस्ट की एक पतली परत लगा देनी चाहिए। क्यारी को बुआई के बाद सूखी घास से कवर कर देना चाहिए। बुआई के तुरन्त बाद हजारे से क्यारी के ऊपर हल्का पानी देना चाहिए।

खेत की तैयारी

भूमि की 3-4 बार जुताई करनी चाहिए और मिट्टी को बेहतर बना लेना चाहिए। और अंतिम जुताई पर 20-25 t / ha FYM को खेत में मिला देना चाहिए।

रोपाई

पौध बुवाई के 4-6 सप्ताह बाद रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। रोपण के लिए 30 सेंटीमीटर की दूरी पर मेढ बना लिए जाते है। और पौधों को मेढ़ो के एक तरफ 22.5 सेमी की दूरी पर लगाया जाता है। रोपाई के बाद फसल की हल्की सिंचाई करनी चाहिए।

खाद और उर्वरक

आमतौर पर, रोपाई के समय या आखिरी जुताई के समय 10-15 टन / हेक्टेयर FYM, P2O5, K2O की पूरी मात्रा और N की आधी मात्रा को मिला देना चाहिए। रोपाई के 4 सप्ताह बाद N की शेष मात्रा देनी चाहिए। सामान्य तौर पर, इसे लगभग 100 किलोग्राम N, 85 किलोग्राम P और 170 किलोग्राम K की आवश्यकता होती है।

सिंचाई

मिट्टी और मौसम की स्थिति के आधार पर फसल की सिंचाई 4-7 दिनों के अंतराल पर की जानी चाहिए। कंद बनने के समय मिट्टी में नमी की आवश्यकता होती है।

खरपतवार नियंत्रण

चूँकि गाँठ गोभी उथली जड़ वाली फसल है इसलिए खरपतवार को मारने के लिए बार-बार उथली गुड़ाई की जानी चाहिए। Pendimethalin 1-2Kg / ha का छिड़काव उगने से पूर्व करना चाहिए फिर बाद में 1-2 निराई हाथ से करें जिससे अधिकतम खरपतवार को नियंत्रित किया जा सके।

कटाई

किस्में के अनुसार गाँठ गोभी की फसल 45-70 दिनों में कटाई के लिए तैयार होती है। इसलिए, जब कंद 5-7 सेमी के व्यास का हो जाता है तो कंद को काट लिया जाता है। यदि कटाई में देरी हो तो कंद रेशेदार हो जाते हैं।

उपज

गाँठ गोभी की उपज लगभग 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

कीट प्रबन्धन

  1. Cabbage and turnip aphid (Brevicoryne brassicae):- यह कीट पछेती फसल में अधिक गंभीर होता है जब इसे बीज उत्पादन के लिए छोड़ दिया जाता है। कीट कोमल भागों से रस चूसते हैं। बाद में झुर्रीदार, पत्तियों के नीचे-कर्लिंग, पत्तियों का पीलापन, पौधे की वृद्धि कम आदि लक्षण दिखाई देते है, प्रभावित पौधों पर एफिड हनीड्यू के साथ संदूषण देखा जाता है।

नियंत्रण

  • पौधे के विकास के शुरुआती चरण में अथवा बीज उत्पादन में मलाथियान या पैराथियोन का छिड़काव करना चाहिए। यदि हेड कटाई के लिए तैयार है तो निकोटीन सल्फेट को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

 

  1. Dimmond Black Moth (Plutella xylostella):- यह गोभी का सबसे हानिकारक कीट है। पर्ण ऊतक को कीट के लार्वा खा जाता है और पत्ती की शिराएं रह जाती है, इससे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया प्रभावित होती है और पौधे की वृद्धि रुक जाती है। पत्तों का गिरना भी शुरू हो जाता है।

नियंत्रण

  • सरसों की फसल को फँसाने वाली फसल (Trap crop) के रूप में उगाएं
  • 4% नीम के बीज का तेल का छिड़काव करें

 

  1. Cabbage head borer or stem borer (Hellula undalis):- लट तने, पत्तियों और हेड में छेद कर देता है। जिससे पत्ता गोभी उपभोग के लिए अयोग्य हो जाती है।

नियंत्रण

  • फसल पर फेनवलरेट 20 ईसी या साइपरमेथ्रिन या डेल्टामेथ्रिन 28 ईसी 250 मिली का छिड़काव करें।
  • Microbracon mellus and Apanteles crocidolmiae का उपयोग जैविक नियंत्रण में किया जा सकता है।

रोग प्रबन्धन

  1. Damping off (Phythium Or Rhizoctonia sp. Or Fusarium sp.):- डंपिंग-ऑफ एक नर्सरी क्यारी का रोग है। इस रोग में अंकुर/पौध के कॉलर क्षेत्र सड़ने लगते हैं और नर्सरी क्यारी पर पौध गिर जाते हैं जिससे पौध की मृत्यु हो जाती है।

नियंत्रण

  • बीज को बुवाई से पहले थायरम या कैप्टान 3 ग्राम / किग्रा बीज से उपचारित करना चाहिए।
  • दो बार कैप्टान 200 ग्राम / 100 लीटर पानी घोल को पौध के आसपास नर्सरी बेड की मिट्टी में डाले।
  • बीज को बोने से पहले 30 मिनट के लिए गर्म पानी (500C) से उपचारित किया जाना चाहिए।
  • बुवाई से पहले नर्सरी कयारी को फॉर्मलाडेहाइड से निष्फल (sterilize) किया जाना चाहिए।

 

  1. Downy mildew (Peronospora parasitica):- प्रारंभिक लक्षण पत्ती की निचली सतह पर पर्पलिश-ब्राउन धब्बों के रूप में दिखाई देते हैं। अधिक प्रकोप होने पर तने पर गहरे धब्बे दिखाई देते हैं।

नियंत्रण

  • फसल चक्रण को अपनाना चाहिए।
  • खेत खरपतवार से मुक्त रखें।
  • बीज को बोने से पहले 30 मिनट के लिए गर्म पानी (500C) से उपचारित किया जाना चाहिए।
  • बीज को बुवाई से पहले थायरम या कैप्टान 3 ग्राम / किग्रा बीज से उपचारित करना चाहिए।

 

  1. Black leg or Black rot (Xanthomonas campestris):- प्रारंभिक लक्षण पत्तियों के किनारों पर अंग्रेजी के ‘V’ के आकार के पीले घाव/धब्बे दिखाई देते हैं जो बाद में गहरे और भूरे हो जाते हैं। पत्तियों विकृत हो जाती है नसे / शिराएं काली पड़ जाती है जो बाद में सूख जाती हैं

नियंत्रण

  • बीज स्वस्थ होना चाहिए और स्वस्थ पौधों से लिया जाना चाहिए।
  • बीज को बोने से पहले 30 मिनट के लिए गर्म पानी (500C) से उपचारित किया जाना चाहिए।
  • बीज को बुवाई से पहले थायरम या कैप्टान 3 ग्राम / किग्रा बीज से उपचारित करना चाहिए।
  • स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 1 ग्राम का फसल पर छिड़काव करें।
Knol Khol
Knol Khol
Knol khol
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Kohlrabi
Kohlrabi
Kohlrabi
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