Horticulture Guruji
Exercise 3
To preparation of seed bed / nursery bed
बीज शैय्या अथवा नर्सरी क्यारी की तैयारी बहुत स्थान-विशिष्ट है और जलवायु, मिट्टी के प्रकार, फसल, प्रबंधन स्तर और उपलब्ध उपकरणों के साथ बदलती रहती है।
आवश्यक उपकरण
- गेंती
- फावड़ा
- गार्डन रेक
- फीता
- गोबर की खाद
नर्सरी क्यारी के प्रकार
नर्सरी क्यारी तीन प्रकार के होते हैं:
(i) समतल नर्सरी क्यारी:–
यह तैयार किया जाता है:-
- वसंत-गर्मी के दौरान जब बारिश का कोई डर नहीं होता है।
- जिन क्षेत्रों में मिट्टी हल्की रेतीली से रेतीली दोमट होती है, वहां जल भराव की समस्या नहीं होती है।
नर्सरी के लिए प्रस्तावित भूमि की अच्छी तरह से जुताई कर तैयार किया जाता है और अच्छी तरह से सड़ी हुई FYM @ 10 किलो प्रति वर्ग मीटर की दर से मिट्टी में अच्छी तरह मिला दी जाती है। भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों/क्यारियों में बांटा जाता है। प्रत्येक क्यारी के चारों ओर मेढ़ों को तैयार किया जाता हैं जो कृषि क्रियाओं में सुविधा प्रदान करती हैं। क्यारियों की दो पंक्तियों के बीच में एक केन्द्रीय सिंचाई नाली तैयार कि जाती है जिसके माध्यम से प्रत्येक क्यारी को जोड़ा जाता है। यह बहुत ही सरल और बनाने में आसान होती है।
(ii) उठी हुई नर्सरी क्यारी: –
समान्यत इस प्रकार की नर्सरी क्यारी का आमतौर पर व्यवहारिक रूप से उपयोग किया जाता है। जब बरसात के मौसम में पानी भराव की समस्या होती है और जिससे डम्पिंग ऑफ बीमारी से पौध खराब होने का भय रहता है, तो यह विशेष रूप से उपयोगी होती है। जमीनी स्तर से 10-15 सेमी की ऊंचाई की उठी हुई क्यारी तैयार कि जाती है। सभी ठूंठ, पत्थर, कंकड़ आदि को क्यारी से हटा दिया जाता है और 10 किलो प्रति वर्ग मीटर की दर से गोबर की खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिला दिया जाता है। क्यारियों की दो पंक्तियों के बीच में 50 से 60 सेमी. की दूरी कृषि क्रियाओं को आसानी से करने के लिए छोड़ दि जाती है। बीजों को क्यारियों के ऊपर पंक्तियों में बोया जाता है।.
(iii) गहरी नर्सरी क्यारी: –
इस प्रकार का क्यारी अधिकतर सर्दी के मौसम में तैयार किया जाता है। इस प्रकार की क्यारी मिट्टी की सतह से 10 से 15 सेमी गहरी तैयार की जाती है। मिट्टी की सतह के ऊपर से बहती हुई ठंडी हवा से नये अंकुरीत पौधे प्रभावित नहीं होते हैं। इसके अलावा, पोलिथिन शीट के साथ गहरी क्यारी को ढंकना आसान हो जाता है जो कि ठंडी हवा से पौध की रक्षा के लिए आवश्यक है।